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बाढ़ प्रभावित भारतीय राज्य के पुनर्निर्माण में मदद करते यौन तस्‍करी से बचाए गए लोग

by Roli Srivastava | @Rolionaroll | Thomson Reuters Foundation
Tuesday, 4 September 2018 08:10 GMT

Volunteers collect household items in the lawns of a residential house before cleaning the house following floods in Kuttanad in Alappuzha district in the southern state of Kerala, India, August 28, 2018. REUTERS/Sivaram V

Image Caption and Rights Information

  • रोली श्रीवास्तव

मुंबई, 4 सितंबर (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)- वेल्डिंग और बढ़ईगीरी के काम में प्रशिक्षित यौन तस्करी से बचाए गए लोग बाढ़ से तबाह हो चुके केरल में मकानों और स्कूलों के पुनर्निर्माण में मदद कर रहे हैं।

इस तटीय राज्य में पिछले महीने आई सदी की सबसे भयावह बाढ़ में सैकड़ों लोग मारे गए और केरल की तीन करोड़ 50 लाख की आबादी में से 10 लाख से अधिक लोगों को राहत शिविरों में आश्रय लेना पड़ा।

बाढ़ का पानी अब उतर गया है, लेकिन कईयों के मकान ध्‍वस्‍त हो चुके हैं।

हैदराबाद की एक तस्‍करी रोधी धर्मार्थ संस्‍था- प्रज्‍वला द्वारा दो साल पहले बचायी गयी 21 वर्षीय ईती मिर्जा ने कहा, "किसी के रिश्तेदार नहीं है या किसी का पूरा परिवार ही समाप्‍त हो गया है। मदद के लिए उनका अपना कोई नहीं बचा है।"

पंबा नदी के नजदीक स्थित चेंगन्नूर से उसने फोन पर बताया, "हम उनके मकानों की सफाई कर दरवाजों और खिड़कियों की मरम्‍मत कर रहे हैं, ताकि वे वहां रह सकें।"

बाढ़ के बाद से कई स्वयंसेवक वहां लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं। यौन तस्‍करी से बचाए गए 20 लोग भी 27 अगस्त से वहां राहत कार्य में सहायता कर रहे हैं।

किफायती आवास और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करने वाली केरल की धर्मार्थ संस्‍था सेंटर ऑफ साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी फॉर रूरल डेवलपमेंट के पल्लीताझात बाहुलियान साजन ने कहा कि वहां उनके कौशल की काफी जरूरत हैं।

उन्होंने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "बहुत नुकसान हुआ है और वहां श्रमिकों, विशेष रूप से बढ़ई, की काफी कमी है।"

उन्‍होंने कहा कि यौन तस्‍करी से बचाए गए लोगों को भवन निर्माण कौशल प्रशिक्षण देने वाली संस्‍था- प्रज्‍वला ने उनके संगठन से संपर्क किया था।

प्रज्‍वला की संस्थापक सुनीता कृष्णन ने कहा, "उन्हें बाढ़ पीडि़तों से बहुत सहानुभूति है। उन्होंने स्‍वयं केरल जाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी। उनका कहना था कि वे समझ सकते हैं कि सबकुछ खोने पर कैसा महसूस होता है।"

कृष्णन के अनुसार प्रज्‍वला ने पिछले 14 वर्ष में तस्‍करी से बचाए गए 2,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है।

उन्होंने कहा कि देशभर के कारखानों में काम कर ये लोग अपनी आजीविका चला रहे हैं, जबकि मिर्जा और केरल में सहायता कर रहे अन्य लोग प्रज्‍वला के फर्नीचर कारखाने में काम करते हैं जहां वे एक महीने में 15,000 रुपये कमाते हैं।

मिर्जा ने कहा कि वह और उसके सहयोगी अक्सर 12 घंटे से अधिक काम कर प्रति दिन लगभग 10 मकानों की मरम्‍मत करते हैं।

मिर्जा ने कहा "मुझे लगता था कि एक लड़की के रूप में बढ़ईगीरी का प्रशिक्षण क्या मेरे लिए फायदेमंद होगा, लेकिन यह काफी उपयोगी सिद्ध हुआ।" मुंबई की मिर्जा को शॉपिंग मॉल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर हैदरबाद के एक वेश्यालय में बेचा गया था।

उसने कहा, "मुझे गर्व है कि मैं किसी की मदद कर सकती हूं। मैं यहां जो मेहनती काम कर रही हूं, उसकी लोग काफी प्रशंसा करते हैं,"।

(रिपोर्टिंग- रोली श्रीवास्‍तव, संपादन- जेरेड फेरी; कृपया थॉमसन रॉयटर्स की धर्मार्थ शाखा, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को श्रेय दें, जो मानवीय समाचार, महिलाओं के अधिकार, तस्करी, भ्रष्टाचार और जलवायु परिवर्तन को कवर करती है। देखें news.trust.org)

 

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